
हरि न्यूज
नारी शक्ति को किया है चरितार्थ,
भारतवंशी होने का मान मिला।
कल्पना के बाद,भारत की बेटी,
को नासा में बड़ा सम्मान मिला।।
यह साबित कर दिया सुनीता ने,
पूरा किया मन में जो ठान लिया।
तनिक नहीं कभी विचलित हुई,
है पोस्टपोन मिशन, जान लिया।।
सारे भारत की दुआएं साथ रही,
नासा का भी सदा ही साथ मिला।
सबसे अधिक व्योम में रहने का,
सौभाग्य से ही सिर माथ मिला।।
करनेको पूरी कल्पना की कल्पना,
तुम्हें ईश से अजेय वरदान मिला।
नौ माह ज्यों गगन गर्भ में रहकर,
फिर ईश्वर से जीवन दान मिला।।
गर्वित है देश सुनीता पर जिसने,
‘वसुधैव कुटुंब’ का मंत्र सजाया।
किसी एक देश की नहीं हो तुम,
‘ब्रह्मांड की बेटी’का तगमा पाया।।
भगवानदास शर्मा ‘प्रशांत’
शिक्षक सह साहित्यकार
इटावा उत्तर प्रदेश
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ईमेल: prashantunorg@ gmail.com