
श्री सुनहरी आश्रम के परमाध्यक्ष मुकेशानंद महाराज के सानिध्य में संतो महंतो ने धूमधाम से मनाई ब्रह्मलीन महंत चेतनानंद महाराज की 34वीं पुण्यतिथि

हरि न्यूज
हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री सुनहरी आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट के परमाध्यक्ष महंत मुकेशानंद महाराज के सानिध्य में संतो महंतो महामण्डलेश्वरों ने श्री श्री 1008परमहंस ब्रह्मलीन महंत चेतनानंद महाराज की 34वी पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई। पुण्यतिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत चेतनानंद महाराज का समूचा जीवन गौ गंगा गीता और समाज को समर्पित था,उन्होंने जीवन पर्यंत समाज को धर्म के मार्ग पर चलाया। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने संयुक्त रूप में कहा कि ब्रह्मलीन महंत चेतनानंद महाराज सरल सहज और समाजसेवी संत थे उन्होंने जीवन भर अपने भक्तों को सत्य का मार्ग दिखाकर समाज में सनातन धर्म को बढ़ाने का काम किया।

श्री सुनहरी आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट भूपतवाला के परमाध्यक्ष महंत स्वामी मुकेशानंद महाराज ने कहा कि संतो का जीवन समाज कल्याण के लिए होता है,ब्रह्मलीन गुरुदेव चेतनानंद महाराज के सानिध्य में रहकर जो हमने सिखा उसी को समाज में आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं जो गुरुदेव को सच्ची श्रद्धांजलि है,महंत मुकेशानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत चेतनानंद महाराज त्याग तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने जीवन भर अपने भक्तों शिष्यों को आध्यात्म का मार्ग बताया और सनातन धर्म संस्कृति को मजबूत किया।कथा व्यास सुनील कैलाशी ने कहा कि सदगुरू देव के ज्ञान से ही जीवन को भवसागर से पार किया जा सकता है बिना गुरु के जीवन को सद्गति प्राप्त नहीं होती हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज,एवं संचालन महंत रविदेव शास्त्री महाराज ने किया। पुण्यतिथि में महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि,महामंडलेश्वर जगदीशानंद,महंत गोविंद दास,श्रीमहंत देवानंद सरस्वती,महंत रविदेव शास्त्री,महंत ज्योतिर्मयानंद ,श्रीमहंत दुर्गादास,महंत सूरजदास,पार्षद सूर्यकांत शर्मा,पंडित सुनील शर्मा, बी.डी.मित्तल,विमलाशर्मा,संतोष गोयल,संजय गोयल,उषा शर्मा,राजेंद्र कंसल,सरोज मित्तल सहित अन्य श्रद्धालु भक्तों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।