संत समाज ने पुण्यतिथि पर ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी को नमन कर अर्पित की श्रद्धांजलि

उत्तराखंड हरिद्वार


धर्म क्षेत्र के साथ शिक्षा क्षेत्र में भी ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी का योगदान महत्वपूर्ण-:हरीश रावत


*सभी के लिए प्रेरणादायी है ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का जीवन:
-प्रेमचंद्र अग्रवाल

*त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी:श्रीमहंत रविंद्र पुरी

*गुरूदेव की शिक्षाओं और गुरू परंपरांओं का पालन करते हुए आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही जीवन का लक्ष्य:स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी

हरि न्यूज/प्रमोद गिरि
हरिद्वार, 8 सितम्बर। ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की 19वी पुण्यतिथि श्री जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज के संयोजन व सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनायी गयी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी विद्वान संत थे और संत समाज के प्ररेणा स्रोत थे।उन्होंने जीवन पर्यंत  सनातन संस्कृति और समाज सेवा की।श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन लोक कल्याण के लिए होता है उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में देश और समाज को मजबूत करने का काम किया।

पुण्यतिथि समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने धर्म क्षेत्र के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान किया। सनातन धर्म संस्कृति और समाज की सेवा में ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। हरीश रावत ने कहा कि स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी जिस प्रकार अपने गुरूदेव के सेवा कार्यो को आगे बढा रहे हैं। उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि संत महापुरूष पूरे समाज के लिए वंदनीय हैं। संतों के आशीर्वाद से ही जीवन को सार्थकता प्राप्त होती है। सनातन धर्म संस्कृति के विलक्षण विद्वान ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है।

जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वप ब्रह्मचारी महाराज ने सभी संत महापुरूषों और अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरूदेव की शिक्षाओं और गुरू परंपरांओं का पालन करते हुए आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का लक्ष्य है।

महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद, महंत जसविंदर सिंह, महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को उनके गुरूदेव ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की शिक्षाओं के अनुरूप सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार और मानव कल्याण में योगदान करते देखना अत्यन्त सुखद व प्रेरणादायी है। मंच संचालन महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने किया। विधायक मदन कौशिक समाजसेवी सोनी मिश्रा, जयपाल सिंह, प्रदीप चौधरी, पूर्व राज्यमंत्री डा.संजय पालीवाल ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरूषों व अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत राघवेंद्र दास, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महंत सूरजदास,महंत रघुवीरदास, महंत नारायण दास पटवारी, स्वामी अनंतानंद, स्वामी चिदविलासानंद, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत गोविंददास, महंत गंगादास महंत केशवानंद  सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष, अथिति व श्रद्धालु मौजूद रहे।

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