
भारतीय संस्कृति के अभिन्न हैं गणपति
हरि न्यूज
हरिद्वार।गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। प्राचीन काल से हिन्दू समाज कोई भी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न करने के लिए उसका प्रारम्भ गणपति की पूजा से ही करता आ रहा है। प्रतिकूल, अशुभ, अज्ञान एवं दुःख से परेशान मनुष्य के लिये श्री गणेश ही तारणहार है। यह विचार पंचमुखी सेवा संघ की ओर से आयोजित गणपति महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर आयोजक सुनील गिरि (मोनी) ने कही।
उत्तरी हरिद्वार के खेमानंद मार्ग पर शनिवार को पंचमुखी सेवा संघ द्वारा 15वें गणपति महोत्सव का शुभारंभ विधि विधान से शुरू किया गया। इस मौके पर पंडित सुरेश बड़ोनी ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कराकर गजानन गणपति की प्रतिमा स्थापित कराई। पंड़ित सुरेश बड़ोनी ने कहा कि गणपति गणेश सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता हैं। वे भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है। इस अवसर पर आयोजक मोनी गिरी ने बताया कि गणपति महोत्सव के तहत प्रतिदिन पूजा अर्चना के साथ ही बच्चों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस मौके पर मुख्य रूप से आकाश गोस्वामी, सुजीत वर्मा, मंजीत श्रीवास्तव, अभिषेक, हन्नी, डब्बू गिरी, बाला देवी, लक्ष्मी देवी, आरती देवी, ट्विंकल, रूपाली आदि ने भगवान विघ्नहर्ता की पूजा-अर्चना की।