
हरि न्यूज
मुरादाबाद।परम पूज्य अभीक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्यश्री वसुनंदी जी महामुनिराज को आहारचर्या कराने का सौभाग्य तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन परिवार को मिला। कुलाधिपति आवास- संवृद्धि में आयोजित आहारचर्या के सुअवसर पर फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी सुश्री नंदिनी जैन आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। साथ ही महामुनिराज का कुलाधिपति श्री सुरेश जैन को विशेष आशीर्वाद प्राप्त हुआ। दूसरी ओर संत भवन में डेंटल, एमबीबीएस स्टुडेंट्स एंड फैकल्टीज की ओर से संघ में शामिल 23 महाराज जी, छुल्लक जी और आर्यिकाओं की भी आहारचार्य कराई गई। इससे पूर्व वसुनंदी जी महामुनिराज ने जिनालय में श्रीजी का अभिषेक और शांतिधारा विधि-विधान से सम्पन्न कराई। कुलाधिपति परिवार की ओर से ऑडी में ज्ञानोपयोगी आचार्यश्री वसुनंदी जी महामुनिराज और संघ को श्रीफल भी भेंट किया,

जबकि महामुनिराज ने कुलाधिपति परिवार को आशीर्वाद स्वरूप ज्ञान संवर्धन हेतु शास्त्र दिए। उल्लेखनीय है, परम पूज्य अभीक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्यश्री वसुनंदी जी महामुनिराज का ससंघ रविवार को टीएमयू कैंपस में मंगलागमन हुआ था। इस मौके पर मेडिकल, डेंटल कॉलेज के श्रावक-श्राविकाओं की भी मौजूदगी रही।

ज्ञानोपयोगी आचार्यश्री वसुनंदी जी महामुनिराज ने ऑडी में आयोजित अपने प्रवचन में कहा, सद्कर्मों का अनुसरण न करना ही दुख का कारण है, जबकि वात्सल्य, प्रेम, मैत्री, प्रमोद, करुणा आदि भावनाएं सुख का कारण हैं। आचार्यश्री वसुनंदी जी बोले, अष्टांग नियमों का पालन, संयम, प्रवृति, ध्यान से जीवन में अदभुत परिवर्तन संभव हैं। तीनों कालों में जिन धर्म ही मंगलमय है। जैन धर्म ही उत्कृष्ट है। धर्म ही सुख और शांति का निमित्त है। बिना धर्म के किसी भी काल में किसी भी क्षेत्र में किसी भी प्राणी को सुख और शांति की प्राप्ति नहीं हो सकती। इसके अलावा संत भवन में गुरू भक्ति कार्यक्रम भी हुआ। इन आस्थामय कार्यक्रमों में वीसी प्रो. वीके जैन, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, श्री मनोज जैन, प्रो. रवि जैन, प्रो. विपिन जैन, प्रो. एसके जैन, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. आशीष सिंघई, श्री विपिन जैन, डॉ. कल्पना जैन, डॉ. अर्चना जैन, श्रीमती अहिंसा जैन के संग-संग जैन समाज की ओर से श्री अनिल जैन, श्री संदीप जैन, श्री राहुल जैन, श्री नीरज जैन, श्री भूपेन्द्र जैन आदि की उपस्थिति रही।