
हरि न्यूज
हरिद्वार। हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज को एक पत्र प्रेषित कर कहा कि निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज के विरुद्ध आचरण ,व्यवहार, सनातन परंपरा के विपरीत कार्य करने का आरोप लगाते हुए अपने पत्र में यह भी लिखा कि जब से अखाड़े के आचार्य बने तभी से सनातन संस्कृति के विपरीत गतिविधियों में लिप्त रहते हैं और अपने पत्र में स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज को गलत मुकदमा में होने का आरोप लगाते हुए आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटाए जाने की मांग की है।

जिसको देखते हुए आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि के हरिद्वार के शिष्य अरुण भदौरिया एडवोकेट ने महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द महाराज के विरुद्ध कानूनी नोटिस प्रेषित कर बताया कि दक्षिण काली पीठ सिद्ध पीठ मंदिर में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के द्वारा प्रतिदिन निशुल्क भंडारा चलाया जाता है जिसमे हजारों लोग रोज भंडारा शामिल होते हैं स्वामी कैलाशानंद गिरि के द्वारा गरीब कन्याओं का विवाह करना ,गरीब बच्चों को शिक्षा देना कई अनाथ बच्चों का भरण पोषण शिक्षा आदि करना और मां दक्षिणी काली की अद्भुत पूजा और प्रतिवर्ष सावन के महीने में एक ही आसन पर बैठकर लगातार 12 से 16 घंटे भगवान शिव का अभिषेक करते रहने से सभी सनातन धर्म और स्वयं की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होना अपने नोटिस में बताया है अपने नोटिस में अरुण भदोरिया ने यह भी बताया की आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि के द्वारा कोई भी कार्य विपरीत गतिविधियों में नियुक्त होना और सनातन संस्कृति का कोई तथ्य या सबूत स्वामी प्रबोधानन्द महाराज ने प्रार्थना पत्र में ना तो बताया और ना ही कोई लिखित में वह तथ्य बताए इसके अतिरिक्त सनातन संस्कृति श्रद्धा के केंद्र के लिए केदारनाथ धाम की कॉपी केदारनाथ धाम के नाम से दिल्ली में कार्य करने के आरोप कैलसानंद गिरी के द्वारा मुख्यमंत्री श्रीपुष्कर सिंह धामी को बहला फुसला कर दिल्ली ले जाना के आरोप के बारे में नोटिस में जानकारी दी गई है की प्रोग्राम में जाने के बारे में आपको पूर्ण रूप से सत्य से आप अवगत नहीं है और जहां तक मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को बहला फुसला कर दिल्ली के प्रोग्राम में ले जाने वाली बात पत्र में और वीडियो जो वायरल किया है उसमें कहा गया है इससे स्पष्ट हो गया है कि स्वामी परबोधानंद महाराज के द्वारा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की योग्यता पर भी किसी साजिश पर षड्यंत्र के तहत प्रशन चिन्ह लगा दिया गया है नोटिस में यह भी मांग की गई है कि सनातन के खिलाफ कैलाश आनंद गिरि महाराज के द्वारा क्या गलत कार्य किया गया ,क्या षड्यंत्र रचा गया, यह भी पत्र में और वीडियो वायरल में स्वामी प्रबोधानन्द महाराज द्वारा नहीं बताया गया ब्रह्मलीन रसानंद महाराज की मृत्यु का भी स्वामी प्रबोधानन्द महाराजने हत्या में कैलाशानंद गिरि का हाथ बताने पर नोटिस में यह भी कहा गया है कि स्वामी प्रबोधानन्द महाराज द्वारा किसी षड्यंत्र व साजिश व किसी के कहने पर आकर झूठा मनगढ़ंत छवि को खराब करने वाला बयान अपमानजनक दिया गया है क्योंकि ब्रह्मलीन आचार्य महामंडलेश्वर रसानंद महाराज की मृत्यु उज्जैन कुंभ मेले के दौरान खुद अरुण भदोरिया एडवोकेट द्वारा एसएसपी हरिद्वार व एसपी उज्जैन को मुकदमा दर्ज किए जाने के लिए अंतिम समय में जो रसानंद महाराज के साथ रहे थे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की थी और यह भी नोटिस में लिखा गया है कि उस समय स्वामी प्रबोधानन्द महाराज भी कुंभ मेले में थे परंतु उनके द्वारा रसानंद महाराज की हत्या के बारे में कोई भी कार्रवाई न तो कोई प्रयास किया और ना ही मुकदमा दर्ज उनकी ओर से किया गया और इससे साफ है कि स्वामी प्रबोधानन्द महाराज किसी साजिश व षड्यंत्र के तहत आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज के विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर हिंदू संस्कृति व सनातन धर्म उनके भक्तों के छवि को खराब कर रहे हैं स्वामी कैलाशानंद महाराज जो पूर्व में अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर रह चुके हैं साथ में महान तपोनिस्ट ,तपस्वी, मां काली के परम भक्त व भगवान भोलेनाथ की कठोर तपस्या करते हुए भगवान शिव का सावन के महीने में एक ही आसान पर बैठकर 12 से 16 घंटे अभिषेक करना राष्ट्रहित में सोचना ,राष्ट्रहित में ही कार्य करना,व जनकल्याण के लिए अपने प्रभु से हमेशा से कामना करना यही आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज का मुख्य कार्य है नोटिस में यह भी कहा गया है कि आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज को स्वामी प्रबोधानन्द महाराज बार-बार यही लिखते हैं अपने पत्र में की इनको आचार्य महामंडलेश्वर निरंजन अखाड़े से हटाया जाए जिससे स्पष्ट है कि स्वामी प्रबोधानंद महाराज किसी के बहकावे में आकर साजिश के तहत झूठी कार्रवाई करने व करने के लिए निरंजनी पंचायती श्री अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज पर दबाव डालने का पूर्ण रूप से असफल प्रयास कर रहे हैं नोटीस की प्राप्ति के 72 घंटे के अंदर अंदर उक्त वायरल वीडियो व उक्त पत्र का खंडन किया जाने तथा समस्त सनातन देशवासियों से क्षमा याचना करना और भविष्य में पुनरावृत्ति न करने की बाबत लिखित में देना साथ ही यह भी स्पष्ट करना कि स्वामी प्रबोधानन्द महाराज के द्वारा गलत व झूठे लिखे गए शब्द वायरल वीडियो के तहत क्यों ना उनके विरुद्ध हरिद्वार न्यायालय में फौजदारी वाद सक्षम धाराओं में आयोजित करने के लिए नोटिस भेज दिया गया है यह बात सही है कि स्वामी प्रबोधानन्द महाराज आए दिन किसी न किसी महात्मा के खिलाफ बयान बाजी करते रहते हैं और यह भी तय है कि यदि समय अवधि में स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो स्वामी प्रबोधानंद के खिलाफ हरिद्वार के एडवोकेट अरुण भदोरिया न्यायालय में मुकदमा दर्ज करवाएंगे, इससे पूर्व भी अरुण भदोरिया एडवोकेट ने स्वामी धर्मदत्त महाराज के विरुद्ध भी हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कर दिया था परंतु स्वागत धर्मदत्त महाराज की हाल में ही ब्रह्मलीन हो गए हैं जिसमें स्वामी धर्मदत्त महाराज को हरिद्वार न्यायालय में हाजिर होने के भी आदेश न्यायालय द्वारा पारित किए गए थे। अब स्वामी प्रबोधानन्द गिरि महाराज के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होने की आशंका बन गई है।