
हरि न्यूज
हरिद्वार।जन अधिकार पार्टी (जनशक्ति) की महासचिव एवं प्रवक्ता हेमा भंडारी ने सरकार द्वारा आगामी चार धाम यात्रा में व्यवस्था बनाने के लिए राज्य की धामी सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन के साथ डिक्लेरेशन फॉर्म की अनिवार्यता के फैसले को गैर जिम्मेदाराना और सरकार की चार धाम यात्रा की मंशा को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रयागराज महाकुंभ में 68 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की बात करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपनी पीठ थप थपा रही है और इसे सफल आयोजन बता रही है वही प्रदेश की धामी सरकार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं के ना आने की रणनीति पर काम कर रही है। चार धाम यात्रा में ऑनलाइन बुकिंग से लेकर खड़ी(तत्काल)बुकिंग की जाती है। खड़ी बुकिंग में मध्य एवं गरीब वर्ग के लोग आते हैं जो की ऑन द स्पॉट गाड़ी बुक करते हैं और यात्रा करते हैं ऐसे मे ट्रैवल एजेंट के लिए उनकी डिक्लेरेशन फॉर्म में होटल की जानकारी उपलब्ध कराना मुमकिन नहीं होगा । चार धाम यात्रा साल में एक बार आती है जिससे ट्रैवल व्यवसाईयों और होटल संचालक को एक उम्मीद होती है कि इस बार की यात्रा में वह अच्छी कमाई कर सकेंगे और परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे और गाड़ी/होटल की ईएमआई दे सकेंगे।
परंतु धामी सरकार के अधिकारी बंद कमरों में बैठकर ऐसे नियम बना देते हैं जिससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ ट्रैवल एजेंट को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य की धामी सरकार अपनी जिम्मेदारियां से भाग रही है और इस तरह के नियम बनाकर चार धाम यात्रा को प्रभावित करने का काम कर रही है। जब उत्तर प्रदेश में प्रशासन और सरकार 68 करोड लोगों को सकुशल स्नान कराकर वापस भेज सकती है तो उत्तराखंड की धामी सरकारी छोटे से राज्य में चार धाम यात्रा क्यों नहीं करा सकती।