महाशिवरात्रि के पर्व पर हुआ सरस कवि गोष्ठी का आयोजन

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कवि वास्तव में समाज का मार्गदर्शन होता है:महंत विष्णुदास महाराज

हरि न्यूज

हरिद्वार।शब्द गंगा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच तथा श्रवण सेवा एवं शोध संस्थान (पंजी) हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में महाशिवरात्रि महापर्व के उपलक्ष्य में एक सरस कवि गोष्ठी का आयोजन उछाली आश्रम के सभागार में किया गया। इस अवसर पर उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष एवं महंत विष्णुदास जी महाराज ने कवि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कवि वास्तव में समाज का मार्गदर्शन होता है।कवि होना परमात्मा का एक ऐसा वरदान है जो हर एक को नहीं मिलता ।


महंत विष्णुदास जी महाराज ने सभी कवियों को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद भी दिया। मुख्य अतिथि डॉक्टर पुष्पा रानी वर्मा जी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ गीतकार रमेश रमण जी तथा शिव शंकर जायसवाल रहे। कवि गोष्ठी के प्रारंभ में मां शारदे को पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन किया गया तथा युवा कवयित्री अपराजिता उन्मुक्त ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।कवि दीन दयाल दीक्षित ने कुछ यूं परमात्मा-“मैं चला दो कदम जिंदगी की डगर ,जिंदगी को मुझी से खता हो गई।” कवयित्री मीरा भारद्वाज ने कहा- “भोला कर मन मेरा मैं नैनन जल चढ़ाऊं,अभिषेक करूं तेरा।” कवि विजेंद्र हर्ष ने कहा – “मन भावों के अर्घ्य चढ़ाकर,श्रद्धा के तर्पण देकर , मैंने मुस्कानों की कुछ कलियां पथ में बिखराई है।” कवि डॉक्टर अशोक गिरी ने कहा – चर्चा है गलियन में बाग और बगियन में,एक बार फिर सखी आयो बसंत है।” डॉ. श्याम नौधा तालिब ने फरमाया – ” कोई इक बाग मोहब्बत का लगाया जाए एक भी खार हो नफरत का हटाया जाए।”
कवयित्री अपराजिता ‘ उन्मुक्त ‘ ने कहा – सुलग रही है चिंगारी बोलो नारी बोलो,दहन हुए अरमानों पर अपनी आँखें खोलो।”नीता नैयर निष्ठा ने कहा – आया वसंत आया वसंत अलबेला।” गीतकार रमेश रमन ने कहा – शिव पर भी फूल मिलेगा शव पर भी फूल मिलेगा।” प्रेम शंकर शर्मा प्रेमी ने कहा – ” अमृत महाकुंभ में जिसने भी स्नान किया,उसका पूजन अर्चन सनातनी दिनचर्या है ।” गीतकार भूदत्त शर्मा ने कहा -” अजर अमर है भाव प्यार के,प्यार कभी मरता ही नहीं।” इस अवसर पर अपराजिता ‘उन्मुक्त’ को भारत मंडपम दिल्ली में राष्ट्रीय युवा महोत्सव में बतौर युवा कवयित्री उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने हेतु संस्था के द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आशा साहनी,कल्पना कुशवाहा,अरविंद दुबे,साधुराम पल्लव, पंडित ज्वाला प्रसाद शांडिल्य,सुभाष मलिक, डॉ. मेनका त्रिपाठी,रेखा सिंघल,अरुण पाठक,कंचन प्रभा गौतम आदि कवियों ने काव्यपाठ का श्रोताओं का मन मोह लिया कार्यक्रम का कुशल संचालन हिन्दी साहित्यकार डॉक्टर अशोक गिरी ने व सभी कवियों तथा कवयित्रियों का बृजेंद्र हर्ष ने आभार व्यक्त किया।

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