जानिए आचार्य शशिकांत वशिष्ठ से पांच दिवसीय दीपावली पर्व का विवरण

उत्तर प्रदेश बिजनौर (यूपी)

हरि न्यूज
धामपुर।आचार्य शशिकांत वशिष्ठ ने बताया कि भारत देश में हर वर्ष सनातन परंपरा अनुसार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी से लेकर कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि तक 5 दिन का दीपावली पर्व प्रत्येक सनातनी परिवार बड़े ही हर्ष उल्लास से मनाते हैं | इस पर्व में कार्तिक कृष्ण की अमावस्या को विशेष मां लक्ष्मी के पूजन के साथ हम दीपावली का त्यौहार मनाते हैं| पूरे घर को सजाकर सुंदर रंगोली बनाकर और दीपक जलाकर हम इस त्यौहार को मानते हैं| इस वर्ष 2024 में दीपावली को लेकर बड़ा ही संशय बना हुआ है कि 31 अक्टूबर या 1 नवंबर किस दिन करें |धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा व भैया दूज कब है और इसका क्या विधान है क्या मुहूर्त है आईए जानते हैं|
1- धन तेरस – धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाई जाएगी| इस दिन सोने चांदी के आभूषण और नए बर्तन खरीदने की परंपरा वर्षो से चली आ रही है |धनतेरस का पर्व भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है| इस दिन धन के देवता कुबेर जी के साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है |धनतेरस के शुभ अवसर पर घर में नई झाड़ू और धनिया लाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर पूरे साल धन समृद्धि बढ़ाती है और कृपा बरसती है| इस दिन बहुत से लोग अपने घर में रोजाना के प्रयोग की नई इलेक्ट्रॉनिक चीज भी लाते हैं |
इस वर्ष धनतेरस के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को सुबह 10:30 से लेकर दोपहर 1:15 तक और सायं काल 6:31 से रात्रि 8:13 तक रहेगा |

2- छोटी दीपावली , नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती —
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली मनाई जाती है| इस वर्ष छोटी दीपावली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं| इस दिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है |साथ ही इसे रूप चौदस और छोटी दिवाली भी कहते हैं| इस दिन दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीपक भी जलाया जाता है| साथ ही इस दिन हनुमान जी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाना और चोला चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है|
3- बड़ी दीपावली– मां लक्ष्मी पूजन–
दीपावली का पर्व कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाया जाता है |
दीपावली इस वर्ष 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को ही मनाई जाएगी| वैदेही ऋषिकेश और विश्वविद्यालय इन तीनों पंचांग में दी गई जानकारी के अनुसार दीपावली का पर्व सर्वसम्मत रूप से 31 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए| दरअसल दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है और प्रदोष काल के बाद दीपावली की पूजन की जाती है |पंचांग के अनुसार इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 मिनट से आरंभ होकर 1 नवंबर शाम 6:16 तक रहेगी यानी की 31 अक्टूबर की रात को आमा वस्या तिथि विद्यमान रहेगी |
31 अक्टूबर दीपावली पर्व पर मां लक्ष्मी के पूजन का मुहूर्त
सायं काल 6:27 से लेकर रात्रि 8:32 तक अति उत्तम है|
रात्रि का निशीथ काल का मुहूर्त रात्रि 11:39 से रात 12:31 तक रहेगा|

गोवर्धन पूजा– यह पर्व 2 नवंबर 2024 दिन शनिवार को मनाया जाएगा | गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सायं काल 6:30 से रात्रि 8:45 तक रहेगा

भाई दूज — भाई दूज दीपावली के महा उत्सव का आखिरी दिन होता है| कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है |इस साल भाई दूज 03 नवंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा | इसे यम द्वितीया भी कहते हैं | इस दिन यमराज की बेटी यमुना ने अपने भाई को सबसे पहले तिलक किया था तभी से हर साल इस शुभ मौके पर बहने अपने भाइयों को टीका करती हैं |भाई दूज का शुभ मुहूर्त सूर्य उदय से लेकर सुबह 11:45 तक रहेगा |

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