गलत बयानबाजी कर कुंभ को बदनाम न करें संत:श्रीमहंत रविंद्रपुरी

उत्तराखंड हरिद्वार


अखाड़ों के सचिवों को है बयान देने का अधिकार,महामंडलेश्वर को गलत बयानबाजी शोभा नहीं देती है: श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरि न्यूज
हरिद्वार।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बड़ा अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्रप्रकाश के बयान का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि रूपेंद्रप्रकाश आजकल ज्यादा राजनीति कर रहे हैं, उनका भविष्य उज्जवल हो। लेकिन उन्हें किसी अखाड़ा परिषद जैसी संस्था की बदनामी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि रूपेंद्र प्रकाश खुद बयान नहीं दे रहे हैं बल्कि उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाए जा रहे हैं। उन्होंने
रूपेंद्रप्रकाश के बारे में कहा कि वो महामंडलेश्वर हैं, उनके साथ ही सभी तेरह अखाड़ों महामण्डलेश्वरों को सम्मान देते हैं। महामंडलेश्वर एक पूजनीय पद होता है, इसलिए उन्हें ऐसी बयानबाजी शोभा नहीं देती। तंज कसते हुए कहा कि छाज कहे छलनी से तेरे में छेद है। इसलिए पहले अपने बारे में सोचो। यहां कोई दूध का धुला कोई नहीं है।
उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के लिए सभी तेरह अखाड़ों के सचिव चुने जाते हैं और पंचपरमेश्वर उन्हें सभी कारवाइयों को करने की अनुमति देते हैं। कुंभ मेले पर किसी भी अखाड़े का सचिव बयान नहीं दे रहे हैं। यदि आपको कोई बयान देना है तो आप अपने अखाड़े के बड़े संतों से बयान दिलवाएं। सरकार से कोई मांग है तो, उसे भी उन्हीं के माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए। कुंभ पर अन्य किसी भी अखाड़े के महामंडलेश्वर कोई बयान नहीं दे रहे हैं, इसलिए रूपेंद्र प्रकाश को भी कोई बयान देने का अधिकार नहीं है। बड़ा अखाड़ा के श्रीमहंत दुर्गादास महाराज है, कोठारी भी विद्वान संत है। इसलिए वो निवेदन करते हैं कि रूपेंद्र प्रकाश को कोई बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने कहा कि रूपेंद्र प्रकाश को परम्पराओं को समझना चाहिए। कुंभ मेले में महामंडलेश्वर के लिए  सुविधा अखाड़े को मिलती है,और अखाड़े के सचिव ही आपको कुंभ की व्यवस्थाएं देते हैं।
कहा कि अर्द्धकुंभ को कुंभ बनाने का निर्णय सरकार का है, इसलिए सरकार को बदनाम करने की बजाय दिव्य, भव्य और सुरक्षित मेला संपन्न कराने की बात करनी चाहिए। अभी तक अखाड़ा परिषद की कोई बैठक नहीं हुई और कुंभ की व्यवस्थाओं पर चर्चा भी नहीं हुई। इसलिए अखाड़ों के महामंडलेश्वर को गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।

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