
हरि न्यूज
हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में संस्कृत गीत गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन शिक्षाशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरविन्द नारायण मिश्र ने किया ।
इस अवसर पर डा. अरविंद नारायण मिश्र ने कहा कि संस्कृत भारत की पहचान है और उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा भी है इसीलिए छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर एवं समाज में जाकर संस्कृत भाषा में वार्तालाप करना चाहिए, एवं अन्य लोगों को भी संस्कृत भाषा में वार्तालाप करने के लिए प्रेरित करना चाहिए. कहा कि आज उत्तराखंड में संस्कृत का महत्व बढ़ता जा रहा है जिसमें हम सबको भी अपनी अपनी भूमिका निभानी चाहिए.
कार्यक्रम का संयोजन कर रहे डा. सुमन प्रसाद भट्ट ने कहा कि संस्कृत प्राचीन भाषा के साथ – साथ आधुनिक भाषा भी है। नवीन शब्दों को गढ़ने का जितना सामर्थ्य संस्कृत भाषा में है उतना सामर्थ्य विश्व की किसी अन्य भाषा में नहीं है उन्होंने कहा कि आज संस्कृत भारत के साथ – साथ विदेशों में भी पढ़ायी जा रही है। यह भाषा कम्प्यूटर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए अत्यंत उपयुक्त है जिस पर वैज्ञानिक निरन्तर काम रहे हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम में आयुष रतूड़ी ने शूरा वयं… , गौरव कोठारी ने अवनितलं पुनरवतीर्णा… , नितिन कुमार ने… जय जय हे भगवति… , गौतम ने सुरस सुबोधा विश्वमनोज्ञा… गीत गाकर समस्त श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में शिक्षा शास्त्र विभाग श्रीमती मीनाक्षी सिंह रावत, अमिता सेमवाल, अंशिका, रोहन बहुखंडी, नितिन, आशीष जगूड़ी, गौतम भट्ट आदि उपस्थित रहे।