
हरि न्यूज
रचनाकार
अब्दुल सलाम कुरेशी
दुबे कॉलोनी गुना (म.प्र.)
श्रावण मास की पूर्णिमा को,आता यह प्रतिवर्ष पुनीत पर्व।
भाई-बहन के असीम प्यार का,
यह स्नेहिल प्रफुल्लित पुनीत पर्व।
चौकी सजाती, तिलक लगाती, देती श्रीफल दोऊ हस्त।
मीठा खिलाती ,मन्द मुस्कुराती,
राखी बाँधती दाहिने हस्त।
नारद जी की सलाह मानकर लक्ष्मी जी ने बलि को बनाया भाई,
बलि ने पूछा बहिना मांग कोई उपहार,
तपाक से लक्ष्मी जी ने विष्णु को माँग जान बचाई।
मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने बाँध राखी हुमायूँ को अपनी लाज बचाई ।
देश में वह रही सदियों से,
गंग-ओ- जमुनी तहजीब की पहचान।
जब सुदर्शन से कटी उंगली कृष्ण की,
तुरंत द्रोपदी ने अपनी साड़ी चीर किया कृष्ण का उपचार,
चीरहरण जब हुआ द्रोपदी का,
कृष्ण ने लाज बचाकर कर्ज दिया उतार ।
बहिन की रक्षा तक सीमित नहीं,यह पुनीत रक्षा संकल्प।
वृक्षों पर भी रक्षा सूत्र बांध, लिया बचाने रक्षा संकल्प।
वृक्ष बचाकर पर्यावरण का,
जग को दिया महा उपहार।