
हरि न्यूज
लेखक:अब्दुल सलाम कुरेशी
जिला-गुना,मध्यप्रदेश

डॉक्टर दिवस
धरा पर माँ के बाद,
दूसरा भगवान है डॉक्टर।
दुःख-दर्द में हमारा,
हमदर्द बनता है डॉक्टर।
कैसा भी विकट मर्ज़ हो,
निज़ात दिलाता है डॉक्टर।
दूरी बनाते अपने कोरोना काल,
कफ़न पहने खड़ा है डॉक्टर।
मर्ज़ कोई भी हो मरीज को,
मानवतावादी होता है डॉक्टर।
चीख़ पुकार के बीच भी,
सदा मुस्कुराता है डॉक्टर।
कोरोना-काल में कई मरीज़ों को,
मौत के मुँह से निकाला है डॉक्टर।
तहेदिल से “सलाम” सलाम करता है,
आज पाकीज़ा दिवस है डॉक्टर।