राष्ट्र और धर्म को समर्पित था लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का समूचा जीवन:अवंतिका भंडारी

उत्तराखंड हरिद्वार

हरि न्यूज

हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के नीलकंठ धाम में सहकार भारती प्रदेश कार्यकारणी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अधिवेशन के दौरान लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वी पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए सहकार भारती की प्रदेश मंत्री अवंतिका भंडारी ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर

प्रकाश डालते हुए कहा कि अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास की महान नारियों में से एक हैं, उनका का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित चांड़ी गांव में हुआ था,अहिल्याबाई का जीवन चरित्र किसी भारतीय से नही छिपा है,अहिल्याबाई का समूचा जीवन देश भक्ति, सनातन धर्म ओर संस्कृति को समर्पित था,उनके शासन में सामाजिक न्याय, महिला सशक्तीकरण और धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण को उनकी प्रशासनिक दूरदर्शिता का अद्वितीय उदाहरण है,उन्होंने नारी शक्ति और प्रशासनिक दक्षता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। विवाह के बाद अहिल्याबाई मालवा राज्य की महारानी बनीं। उन्होंने काशी, गया, सोमनाथ, द्वारका,हरिद्वार और रामेश्वरम जैसे तीर्थ स्थलों पर मंदिरों, कुओं, धर्मशालाओं और घाटों का निर्माण करवाया।अवंतिका भडारी ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन में हार नहीं मानी तथा महिला सशक्तिकरण के लिए संपूर्ण जीवनभर प्रयास किया। समाज की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके जीवन से हमें भी सीख लेनी चाहिए तथा समाज के हित में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा था न्याय वह नींव है जिस पर मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता।अवंतिका भंडारी ने आवाहन किया कि देवी अहिल्याबाई होलकर के पदचिन्हों का अनुशरण करते हुए हमें ज्ञानवापी मन्दिर का सम्मान लौटना है।

इस मौके पर सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव प्रदेश प्रभारी दीपक चौरसिया,प्रदेश अध्यक्ष विनोद गौड,महामंत्री अमित शर्मा,सुनील गुप्ता,प्रदेश सह कार्यालय प्रभारी संजय वर्मा,क्षेत्रीय प्रबंधक यू सी एफ.सुशील तिवारी, बाला शर्मा,रामेश्वरी देवी ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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