करवा चौथ व्रत है सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक

उत्तराखंड हरिद्वार

भगवानदास शर्मा प्रशांत

इटावा।आज का दिन विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही पवित्र और खास होता है। जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी का सेवन कर व्रत की शुरुआत करती हैं और फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं।
करवा चौथ व्रत विवाहित जीवन की खुशहाली और पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। मिट्टी का करवा, दीप, अगरबत्ती, चंदन, और अन्य पूजा सामग्री से करवा देवी की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना करती है। शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य दें और फिर पति का मुख देखती है। पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलती है।
करवा चौथ व्रत के दिन  निर्जला व्रत रखकर महिलाएं पति की लंबी उम्र तथा सुखमय दाम्पत्य जीवन की कामना करती है। करवा चौथ व्रत विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो प्रेम, समर्पण और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

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