
हरि न्यूज
हरिद्वार 30 दिसंबर।राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस परेड में प्रतिभाग करने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय की एनसीसी कैडेट सुश्री उपासना एवं प्रखर शर्मा आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दोनों कैडेट कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय समारोह में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनका चयन देहरादून में आयोजित प्री आरडीसी-1, 2 एवं 3 शिविरों के दौरान कठोर शारीरिक, मानसिक एवं अनुशासनात्मक मापदंडों पर खरा उतरने के बाद हुआ।
रवाना होने से पूर्व दोनों कैडेट्स ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या से भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ पण्ड्या ने कहा कि एनसीसी के माध्यम से राष्ट्रसेवा और अनुशासन का जो संस्कार विद्यार्थियों में विकसित होता है, वही उन्हें राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाता है। यह पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।
विश्वविद्यालय की एनसीसी कंपनी के कमांडर लेफ्टिनेंट डॉ. पवन कुमार राजौरिया ने बताया कि उपासना एवं प्रखर शर्मा का चयन कई महीनों के कठोर, निरंतर एवं अनुशासित अभ्यास का परिणाम है। चयन प्रक्रिया विश्वविद्यालय स्तर से प्रारंभ होकर बटालियन एवं ग्रुप स्तर तक संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि उपासना का चयन दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली मुख्य परेड के लिए हुआ है, जबकि कैडेट प्रखर शर्मा राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। उल्लेखनीय है कि विगत कई वर्षों से देव संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित होते आ रहे हैं। विश्वविद्यालय परिवार ने इस उपलब्धि को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया है।
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डॉ. चिन्मय पंड्या ने की उपमुख्यमंत्री श्री शिंदे से भेंट, जन्मशताब्दी समारोह हेतु दिया आमंत्रण
हरिद्वार 30 दिसंबर।
देवभूमि हरिद्वार के गायत्री तीर्थ शांतिकुंज द्वारा जनवरी 2026 में आयोजित होने वाले परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जन्मशताब्दी एवं अखंड ज्योति शताब्दी वर्ष के भव्य आयोजनों की तैयारियां वैश्विक स्तर पर चल रही हैं। इसी कड़ी में अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पंड्या ने मुंबई प्रवास के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे जी से उनके निवास स्थान पर भेंट की।
भेंट के दौरान डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने उपमुख्यमंत्री को आगामी 2026 के ऐतिहासिक शताब्दी समारोहों की महत्ता से अवगत कराया और उन्हें शांतिकुंज, हरिद्वार आने का निमंत्रण दिया। डॉ. पंड्या ने उन्हें बताया कि यह वर्ष न केवल गायत्री परिवार के लिए, बल्कि भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि यह युगऋषि के विचारों की वाहिका दिव्य अखंड ज्योति के अवतरण का 100वाँ वर्ष है।
डॉ. पंड्या ने श्री शिंदे को अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे व्यसनमुक्ति, नारी सशक्तिकरण और युवा जागरण के अभियानों की प्रगति से भी परिचित कराया। श्री शिंदे ने गायत्री परिवार द्वारा किए जा रहे राष्ट्र-निर्माण के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने शताब्दी समारोह के निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए शांतिकुंज के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की और इस पुनीत अवसर का हिस्सा बनने की इच्छा जताई। साथ ही डॉ चिन्मय पण्ड्या जी ने अनेक गणमान्यों से भेंट की और जन्मशताब्दी समारोह हेतु आमंत्रित किया।
