जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति प्रदान करती है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी रविदेव शास्त्री

उत्तराखंड हरिद्वार

हरि न्यूज
हरिद्वार, 14 नवम्बर। रेलवे रोड़ स्थित श्री गरीबदासीय आश्रम में आयोजित श्रीमद्भावगत कथा के सातवें दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री ने श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र, रुक्मिणी विवाह, राजा परीक्षित का मोक्ष व नाम संकीर्तन की महिमा का बखान बताते हुए कथा को विराम दिया। कथाव्यास ने कहा कि भागवत कथा सुनने से मनुष्य तृप्त होता है और जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है। भागवत कथा का मूल मंत्र सदाचार है, जो इसे अपना लेता है। उसे समाज में प्रतिष्ठा व सम्मान तथा हरिकृपा प्राप्त होती है। श्रीमद्भागवत का पाठ करने से अनंत पुण्य फल प्राप्ता होता है। उन्होंने कहा कि सभी को कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण करना चाहिए। जय मां मिशन की अध्यक्ष साध्वी शरण ज्योति मां व जीवन ज्योति मां ने श्रद्धालुओं को आशीवर्चन प्रदान करते हुए कहा कि भागवत का अर्थ है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तारण। सच्चे मन से भागवत कथा का श्रवण करने मात्र से ही जीवन भवसागर से पार हो जाता है। कथा के प्रभाव से प्रेत योनि में पड़े पितरों का भी उद्धार हो जाता है। गौ गंगाधाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास, स्वामी हरिहरानन्द, साध्वी पूजा ज्योति मां एवं स्वामी दिनेश दास ने भी श्रद्धालु भक्तों को संबोधित किया और धर्म मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान किया। मुख्य यजमान दर्शन कुमार वर्मा, माता सुदेश, रमेश लुथरा, रितु बहल, सार्थक, कमलेश, विक्रम लूथरा, नितिन लूथरा, कनिका, सुगम, डा.संजय वर्मा ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर साध्वी पूजा ज्योति मां, स्वामी परमात्मदेव, स्वामी निर्मल दास, स्वामी दिनेश दास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, महंत गुरमीत सिंह, संत जगजीत सिंह, डा.संजय वर्मा, लोकराज, विजय शर्मा, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी कृष्णानंद, जगदीश चावला, सुभाष बहल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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