पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में धूमधाम से मनाया गया भगवान कार्तिकेय का जन्मोत्सव 

उत्तराखंड हरिद्वार

भगवान कार्तिकेय शौर्य, पराक्रम और धर्म की रक्षा के प्रतीक हैं:श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज

अखाड़े की परंपरा हमेशा से समाज कल्याण और धर्म के प्रति समर्पित रही है:श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज

भगवान कार्तिकेय के जन्मोत्सव पर संतों ने की आतिशबाजी

भगवान कार्तिकेय के जन्मोत्सव कार्यक्रम में तरह तेराह अखाड़ों के संत रहे मौजूद

मंदिर को फूलों से सजाया गया की गई आरती

हरि न्यूज

हरिद्वार। गुरुवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के इष्ट देव भगवान कार्तिकेय के जन्मोत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया गया।भगवान कार्तिकेय का फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया। इससे पूर्व ब्राह्मणों द्वारा पंचामृत वेद मंत्रों द्वारा स्नान कराने के पश्चात सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाए गए।

भगवान कार्तिकेय की जयंती पर अखाड़ा के पंचों द्वारा विशेष आरती की गई उसके बाद प्रसाद का भोग लगाया गया और भंडारे का आयोजन किया गया।जन्मोत्सव कार्यक्रम में तेरह अखाड़ों के संत मौजूद रहे।


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने भगवान कार्तिकेय के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान कार्तिकेय शौर्य, पराक्रम और धर्म की रक्षा का प्रतीक हैं। उनका जन्मोत्सव हमें धर्म, सत्य और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने भगवान कार्तिकेय के आशीर्वाद से समाज में शांति, एकता और सद्भाव बनाए रखने की बात कही।


पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज ने कहा कि समाज में सद्भावना, सेवा और त्याग के गुणों को अपनाना ही सच्ची भक्ति है। श्रीमहंत रामरतन गिरि ने कहा कि अखाड़े की परंपरा हमेशा से समाज कल्याण और धर्म के प्रति समर्पित रही है।उन्होंने कहा कि भगवान कार्तिकेय के जीवन चरित्र से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए, भगवान शिव और देवी मां पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को युद्ध का देवता माना जाता है। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को मुरुगन या अयप्पा नाम से भी जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं। मान्यतानुसार कोर्ट, जमीन, पैसे आदि के विवाद को निपटाने से पहले भगवान कार्तिकेय की आराधना की जाए तो उसमें सफलता प्राप्त होती है।उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इष्ट देव की शिक्षाओं को जीवन में अपनाएं और समाज में अच्छे कार्यों को बढ़ावा दें।कार्यक्रम में श्री महंत रामरतन गिरि,श्री महंत दिनेश गिरि महाराज,श्रीमहंत राधे गिरि,श्रीमहंत नरेश गिरि,श्रीमहंत केशव पुरी,महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद,महामंडलेश्वर प्रबोधानन्द गिरि महाराज,महामंडलेश्वर गर्व गिरि,जूना अखाड़े के सचिव देवानंद सरस्वती,कारोबारी बलबीर पुरी,राधे श्याम पुरी,राकेश गिरि,सुखदेव पुरी,राज गिरि,महंत रवि पुरी,महंत रामरतन पुरी,दिगंबर मुख्तियार रघुबन,सर्वेश गिरि,धीरज गिरि, एस एम जे एन पीजी कॉलेज के प्रबंध समिति के सदस्य आर के शर्मा,एस एम जे एन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा,रामानंद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर वैभव शर्मा,श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल शर्मा।

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