
हरि न्यूज
हरिद्वार, 12 सितंबर।एक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार, कांगड़ा घाट हरिद्वार का चौड़ीकरण (विस्तारीकरण) प्रस्तावित है। इस खबर से कांगड़ा मंदिर व्यापार मंडल सहित समस्त व्यापारी वर्ग में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया। व्यापारी संगठनों ने एक आपात बैठक आयोजित कर मेला प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर विरोध जताया और बिना पूर्व सूचना या नोटिस दिए व्यापारिक प्रतिष्ठानों को हटाने के प्रयासों को असंवैधानिक बताया।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि प्रशासन जबरन दुकानें तोड़ने या कब्जा करने की कोशिश करता है, तो व्यापारी वर्ग कानूनी मार्ग अपनाएगा। व्यापारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया है और ना ही उनसे कोई वार्ता की गई है। इससे व्यापारियों में भय और असुरक्षा का माहौल है कि प्रशासन बलपूर्वक उनकी दुकानों और मकानों को गिरा सकता है।
व्यापार मंडल ने यह भी उल्लेख किया कि माननीय उत्तराखंड हाई कोर्ट, नैनीताल द्वारा 22 मई 2014 को एक आदेश पारित किया गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि किसी भी प्रकार का अधिग्रहण भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (Act 30 of 2013) के अंतर्गत ही किया जा सकता है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है।
बैठक की अध्यक्षता दिनेश शर्मा ने की तथा कोषाध्यक्ष घनश्याम सक्सेना, महामंत्री वीरेंद्र सिंह, संचालक वीरेंद्र बावरा सहित कई प्रमुख व्यापारी जैसे योगेश कुमार, सागर गोस्वामी, रमा देवी, प्रदीप कुमार, अमन कुमार, अनिता देवी और अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
व्यापार मंडल ने प्रशासन से अपील की है कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करे और व्यापारियों से संवाद कर समाधान निकाले, अन्यथा व्यापारी वर्ग आंदोलन को बाध्य होगा।