श्रवण सेवा शोध संस्थान ने आयोजित किया हिन्दी समारोह

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हरि न्यूज

हरिद्वार।श्रवण सेवा एवं शोध संस्थान,कृष्ण कृपा धाम और हिन्दी सेवा समूह के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी समारोह का आयोजन हुआ। जिसके अन्तर्गत भारतभूषण वर्मा को कैलाश चन्द हिन्दी सेवा सम्मान, डॉ० मीरा भारद्वाज को मंगलो देवी हिन्दी सेवा सम्मान तथा अपराजिता को वागीशा हिन्दी सेवा सम्मान प्रदान किया गया। हाई स्कूल की परीक्षा में विद्यालय हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को सम्मान – पत्र और उपहार भेंट किए गए।

सर्वश्रेष्ठ प्रचार-वाक्य के लिए श्री अरुण पाठक को सम्मानित किया गया।समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथिगण , निर्णायक मण्डल एवं संयोजक मण्डल द्वारा दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। शिविजय ने मधुर कण्ठ सरस्वती वन्दना का वाचन किया। वृन्दा शर्मा ने स्वागत सम्बोधन तथा दीनदयाल दीक्षित ने संस्थान का परिचय व उद्देश्यों के बारे में बताया।

मुख्य अतिथि डॉ० आनन्द भारद्वाज ने संस्कृत और हिन्दी की कविताओं की कार्यशाला आयोजित करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि डॉ० पंकज भारद्वाज ने कहा कि हमें कम – से – कम हिन्दी में हस्ताक्षर करने पर चाहिए। डॉ०वाजश्रवा आर्य ने कहा ,कि आज हिन्दी पूरे देश की सम्पर्क भाषा है। डॉ०पुष्पारानी वर्मा ने हिन्दी की सभी विधाओं पर लेखन करनी की बात कही। डॉ० एन० पी०सिंह ने भाषा के लिए व्याकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ० मेनका त्रिपाठी ने प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास पर जोर देते हुए कहा, कि चिकित्सा क्षेत्र और न्यायालयों में अभी हिन्दी का प्रचार -प्रसार होना शेष है। डॉ० नरेश मोहन ने  राजभाषा हिन्दी के स्वरूप से  अवगत कराया। समारोह के मुख्य संयोजक एवं संचालक डॉ० अशोक गिरि ने कहा कि हिन्दी केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं अपितु यह हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। समारोह में कविता पाठ भी हुआ, जिसमें हिन्दी भाषा, देशभक्ति ,धार्मिक तथा सामाजिक विषयों पर रचना प्रस्तुत की गईं।श्री कृष्ण कृपा धाम के परमाध्यक्ष स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में गीता की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला तथा हर देश की एक अपनी भाषा होती है, तो भारत की क्यों नहीं? समारोह के अन्त में कविता -पाठ के साथ -साथ डॉ० सुशील त्यागी ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह के संयोजन में सुमित चौधरी, अनिरुद्ध भाटी, प्रवीण पाण्डेय, बादल गिरि ,चांद गिरि तथा मुरली नौटियाल की विशेष भूमिका रही। समारोह में दीपक पंवार, सोमदत्त गिरि, पंकज गिरि, कुणाल गिरि, विशाल गिरि, संगीता राणा, अरविन्द मिश्र , साधुराम पल्लव, प्रमोद वर्मा , अभिनन्दन गुप्ता तथा अनिकेत गिरि इत्यादि उपस्थित थे।

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